Warning: include_once(/home/u115252715/domains/nirogvidya.com/public_html/wp-content/plugins/akismet-plugin/akismet.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u115252715/domains/nirogvidya.com/public_html/wp-content/themes/litho/functions.php on line 2

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u115252715/domains/nirogvidya.com/public_html/wp-content/plugins/akismet-plugin/akismet.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u115252715/domains/nirogvidya.com/public_html/wp-content/themes/litho/functions.php on line 2
मधुमेह (Diabetes) – निरोग-विद्या

9027312647

सम्पर्क करे

सेवा निकेतन आश्रम

अरनियाँ, बुलंदशहर (उ. प्र)

contact@nirogvidya.com

E-mail भेजे

मधुमेह या शुगर (dibiteej) एक भीषण रोग है। जिसमे शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोस ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने से क्षमता कम हो जाती है। और वह धीरे-धीरे इतनी क्षीण हो जाती है ,की कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए वसा या प्रोटीन का प्रयोग आवश्यक हो जाता है.इसमें शरीर की आतंरिक प्रक्रियाओ का संतुलन बिगड़ जाता है,जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल व कीटोन्स का स्तर भी बढ़ जाता है। इसे कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए क्यो कि यह धीरे धीरे बढ़ती जाती है और कई बड़ी बीमारियो को लाती है। इसके सामान्य लक्षण दिखाई देने पर भी इसे गंभीरता से लेकर इसका उपचार करना चाहिए। एवं केवल दवाइयो एवं इंसुलिन पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसमें औषधिसेवन के साथ साथ, खान पान में सावधानी बरतना, परहेज आदि करके इसे पूर्णतः नियंत्रित किया जा सकता है।

इस रोग में हम सर्वप्रथम व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन करते है, किस ग्रह के दुष्प्रभाव से एवं किस संभावित कारण से व्यक्ति को यह रोग हुआ है, उसके अनुरूप रोग-शांति हेतु कुछ उपाय हमारे द्वारा बताए जाते है। खान-पान एवं जीवन शैली में अनुशासन लाने हेतु विशेष निर्देशों के साथ , व्यक्ति के रोग के अनुसार, उसी अनुपात में औषधि में घटक तत्व मिलाये जाते है। यह औषधि भी पूर्णतः शास्त्रीय विधि से तैयार करते हुये संपूजित की जाती है। जो कि निश्चित तौर पर इस रोग को नियंत्रित करती है। यह रक्त के शर्करा स्तर (blood sugar leval) को तो नॉर्मल करती ही है, साथ ही इस रोग के कारण होने वाले अन्य विकार जैसे कि किडनी रोग, हदय रोग, उच्च रक्त चाप, नसो में सुन्नता होना, नेत्र दोष, पायरिया आदि को भी नियंत्रित करती है। यह सभी औषधीया पूर्णतः आयुर्वेदिक है, जिनका कोई किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है। एवं वर्तमान में अगर रोगी इंसुलिन नहीं ले रहा है, तब तो एक बार विश्वास को स्थिर करके उसे अवश्य ही यह मधुमेह रोधक किट अवश्य लेनी चाहिए, भविष्य में निश्चित ही आपको कभी इंसुलिन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, यह आपके पैंन्क्रियाज और वीटा सेल्स को सक्रिय रखती है। इसे लेते समय आपको अन्य कोई अङ्ग्रेज़ी दवा खाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

इस रोग में  हम व्यक्ति की आयु, वजन , ब्लड-शुगर-लेवल और अन्य समस्याओ को देखते हुये व्यक्तिगत तौर पर उसके लिए विधिसहित औषधि का निर्माण करते है। जिसमें कि गुड़मार, करेला, विजयसार, त्रिफला, अर्जुन, बेलपत्र, अश्वगंधा, शुद्ध शिलाजीत सहित कुल 23 औषधियो का संयोजन है। इनके सेवन एवं हमारे द्वारा निर्दिष्ट उपायो के करने से आप निश्चित तौर पर बिना किसी अङ्ग्रेज़ी दवा के आप अपने शुगर लेवल को नियंत्रित होता देखेंगे।